हवस में इंसान इस कदर अंधा हो जाता है कि उसे इस बात का कोई एहसास नहीं
होता कि वह जिसके साथ दुष्कर्म करने जा रहा है उसका उसके साथ क्या रिश्ता
है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में बलात्कार के दो ऎसे समाचार सुनाई पडे है
जिनको सुनने के बाद रिश्तो पर विश्वास करना अब बेमानी लगता है। पहली घटना
उन्नाव जिले की है जहां एक वृद्धा ने अपने बेटे पर अपने साथ बलात्कार करने
का आरोप लगाया है।
दूसरी घटना में एक बहन ने अपने तीन भाईयौं पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। युवती ने आरोप लगाया है कि तीनों भाई पिछले तीन साल से उसका देह शोषण कर रहे हैं।पटेल नगर निवासी डॉक्टर चंद्रशेखर ने 19 वर्ष पहले अपनी पत्नी की मुंहबोली बहन की बेटी को गोद लिया था। चंद्रशेखर के तीन बेटे थे और बेटी नहीं थी। इसलिए उसने गोद लेकर पीडित युवती को अपनी बेटी बनाया और उसका पालन-पोषण किया।
अब सवाल उठता है कि इस घोर और गन्दी मानसिकता का चलन कब बंद होगा देल्ही के काण्ड में एक को नाबालिक घोषित किया गया तो दूसरी तरफ अभी हाल ही में देल्ही में कैब चालक को बलत्कार के जुर्म में मेरठ से गिरफ्तार किया गया जो तीन साल पहले ही जेल से बलत्कार के जुर्म में सात महिना जेल काटकर निकला है |
ऐसे किसी भी अपराधी के लिए कोई भी वकील कैसे उनका केस लड़ता है ?क्यों ऐसे लोगो का सामाजिक बहिष्कार नहीं होता है ?
अगर समाज में ऐसे किसी भी सख्स का सामाजिक बहिष्कार होने लगे तो इस पर लगाम लगाया जा सकता है उनके मूलभूत सुविधा से उन्हें वंचित करके जैसे की बिजली पानी राशन दाना आदि तमाम मूलभूत सुविधा से उन्हें वंचित कर देना चाहिए
दूसरी घटना में एक बहन ने अपने तीन भाईयौं पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। युवती ने आरोप लगाया है कि तीनों भाई पिछले तीन साल से उसका देह शोषण कर रहे हैं।पटेल नगर निवासी डॉक्टर चंद्रशेखर ने 19 वर्ष पहले अपनी पत्नी की मुंहबोली बहन की बेटी को गोद लिया था। चंद्रशेखर के तीन बेटे थे और बेटी नहीं थी। इसलिए उसने गोद लेकर पीडित युवती को अपनी बेटी बनाया और उसका पालन-पोषण किया।
अब सवाल उठता है कि इस घोर और गन्दी मानसिकता का चलन कब बंद होगा देल्ही के काण्ड में एक को नाबालिक घोषित किया गया तो दूसरी तरफ अभी हाल ही में देल्ही में कैब चालक को बलत्कार के जुर्म में मेरठ से गिरफ्तार किया गया जो तीन साल पहले ही जेल से बलत्कार के जुर्म में सात महिना जेल काटकर निकला है |
ऐसे किसी भी अपराधी के लिए कोई भी वकील कैसे उनका केस लड़ता है ?क्यों ऐसे लोगो का सामाजिक बहिष्कार नहीं होता है ?
अगर समाज में ऐसे किसी भी सख्स का सामाजिक बहिष्कार होने लगे तो इस पर लगाम लगाया जा सकता है उनके मूलभूत सुविधा से उन्हें वंचित करके जैसे की बिजली पानी राशन दाना आदि तमाम मूलभूत सुविधा से उन्हें वंचित कर देना चाहिए